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Human Brain”मस्तिष्क की संरचना और कार्य क्या हैं”आसान शब्दो में विस्तार रूप से वर्णन in hindi

Human Brain

मस्तिष्क की संरचना और कार्य क्या हैं

“मस्तिष्क”Brain” यह हिंदुओं का “संस्कृत” शब्द है जिसको हम “ब्रेन” या “Mind” के नाम से जानते है। मस्तिष्क मानव ( Human Brain ) शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो पतली – पतली शिराओ से मिलकर न्यूरोन्स नामक ऊतकों से मिलकर बना होता है। यह शरीर का नियंत्रक केंद्र है, सभी जीव का शरीर मस्तिष्क द्वारा ही संचालित होता है और मनोबल, बुद्धि, और शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करने का कारणीय केन्द्र स्रोत भी यही है।


अगर मस्तिष्क की आंतरिक संरचना को देखे तो बहुत कठिन है क्योंकि इसके अनेकों क्षेत्रों का सुमहू हैं जो कि मस्तिष्क के सभी विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जैसे कि_  बुद्धि, स्वास, संवेदनशीलता, हड्डीयों और शरीर की मासपेशियों का नियंत्रण, आदि।


मनुष्यों के मस्तिष्क को भीतर से समझने और उसके अध्ययन करने के क्षेत्र में” न्यूरोसाइंस नामक शाखा होती है, जिसमें इसके सभी कार्यों का अध्ययन को करा जाता है। मस्तिष्क से संबंधित सभी अध्ययन और अनुसंधान जैसे  मनोबिज्ञान, न्यूरोलॉजी और दार्शनिक मनोविज्ञान आदि। इसमें किया जाता है।

मानव मस्तिष्क (Human Brain)


   इस धरती पर जितने भी जीव-जंतु है, उनमें मस्तिष्क एक वरदान के रूप में प्रदान होता है, सभी जीवो मे मस्तिष्क एक सबसे शक्तिशाली अंग है इसका उपयोग करके वह अपने जीवनचर्या को बराबर तरीके से कर पाता हैं।
   इसी प्रकार मनुष्य मस्तिष्क ( Human Brain ) भी एक खोखले हड्डियों के ढांचे के भीतर बंद रहता है जोकि किसी बाहरी आघातों से बचाने का काम करता है, किसी भी प्रकार के चोट या आपातकालीन घटना होने पर यह हड्डियों का ढांचा आपके मस्तिष्क की रक्षा करता है।

मानव मस्तिष्क (Human Brain) और उसका वजन (Weight)


सभी जीवधारियों के शरीर की संरचना अलग-अलग होती है उसी प्रकार मनुष्य-मस्तिष्क (Human Brain) की संरचना भी अलग होती है जिस कारण सभी मस्तिष्क का वजन भी अलग जीवो में अलग-अलग होता है।

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> अगर हम केवल बात करे, मनुष्य मस्तिष्क के वजन की तो वह लगभग 1450 ग्राम का होता है।

मनुष्य मस्तिष्क का तंत्रिका तंत्र (Human Brain Nervous System)


  यदि मनुष्य मस्तिष्क (Human Brain) की हम बात करें, तो मस्तिष्क के भीतर पतली-पतली शिराएँ से घिरा तांत्रिकाएं तंत्र होती हैं और उसके अंदर जैल जैसा गाड़आ मासमज्जा होती हैं इस पूरे मस्तिष्क की क्रिया को हम तंत्रिका तंत्र कहते है जो पूरे मस्तिष्क में एक प्रकार के जाल के रूप में फैला रहता है मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र की हम बात करें तो वह तीन भागों में बंटा होता है जो निम्नलिखित् रूप से है…

1- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र

2- परिधीय तंत्रिका तंत्र

3- स्वायत तंत्रिका तंत्र

चलिए इन तीनों तंत्रिका तंत्र को ठीक प्रकार से समझते हैं।


केंद्रीय तंत्रिका तंत्र

मस्तिष्क मे मस्तिष्क के भीतर मस्तिष्क तथा मेरूरज्जु सम्मिलित होता है, जहाँ सूचनाओं का संसाधन एवं नियंत्रण होता है और सूचनाओ को भंडारित करता है।


परिधीय तंत्रिका तंत्र
परिधीय तंत्रिका तंत्र,मस्तिष्क मे तंत्रिका तंत्र का वह भाग है जिसके द्वारा संवेदी न्यूरॉनों ( Senstive Neurons ) इसके अलावा और  दूसरे न्यूरानों भी बनती है, जो वास्तव मे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को परिधीय तंत्रिका तंत्र से जोड़ने का काम करता हैं।


स्वायत तंत्रिका तंत्र
मस्तिष्क के मुख्य तंत्रिका तंत्र मुख्य प्रणाली का एक भाग है जोकि मुख्य मूल रूप से चेतना के स्तर को पुरी तरह नियंत्रण तंत्र के रूप में कार्य करती है और सभी प्रकार्यों को नियंत्रित करता है।

मस्तिष्क में सेरीब्रम के कार्य


मनुष्य मस्तिष्क में यह सबसे विकसित भाग में से एक है यहां पर बुद्धिमत्ता,याददाश्त, इच्छा की शक्ति,ऐच्छिक गतिविधियां, जो शरीर के अंदर होती हैं और ज्ञान वाली बातें इसमें इकट्ठा होती हैं इसके अलावा मस्तिष्क मे चिंतन का केंद्र भी सेरीब्रम का ही है ज्ञानेंद्रीयो द्वारा प्राप्त परिणाम (विचार) का इसमें विश्लेषण और समन्वय दोनों रूप द्वारा होता है।

मस्तिष्क में थैलेमस के कार्य


प्रत्येक जीव-जंतुओं में ठंडी तथा गर्मी के मौसम मे और दर्द को महसूस करने वाली क्रियाओं मे होने वाले संकेत थैलेमस के द्वारा संभव हो पाती है, इस द्वारा थैलेमस मे शरीर द्वारा आने वाले संकेतों को आपके मस्तिष्क को महसूस करता है कि आपको ठंडी या गर्मी लग रही है या नही, मानव मस्तिष्क में भी यही दर्द को महसूस करता है, इसके अलावा गर्मी तथा ठंडे को पहचानने का कार्य करता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि किसी कारण वश, इस प्रकार की संकेतों मे रुकावट पैदा भी आ जाती है जब इसका कारण है कि थैलेमस ठीक तरह से कार्य नहीं कर पा रहा होता है और व्यक्ति को दर्द, ठंडी, गर्मी की पहचान आदि को अनुभव नहीं कर पाता।

मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस के कार्य


मानव मस्तिष्क में यह अंत: स्त्रावी ग्रंथियां से स्रावित होने वाले हरमोंस (Hormones) को भी शरीर को नियंत्रित करने का काम करती है।मस्तिष्क मे पोस्टीरियर पिट्यूटरी ग्लैंड से स्रावित होने वाले हारमोंस का स्त्रावण इसी के द्वारा स्रावित होता हैं जिसके द्वारा हमारे शरीर मे यह भूख, प्यास, घृणा, प्यार, दुःख,दर्द, ताप नियंत्रण आदि, के केंद्र को कंट्रोल करता है। इसके अलावा रक्त, जल के उपापचय, पसीना, गुस्सा, खुशी आदि,भी इसी के नियंत्रण में होता है।

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कारपोरा क्वाड्रिजेमिना के कार्य


यही मनुष्य के शरीर में आंखों की दृष्टि और कानों की श्रवण शक्ति पर नियंत्रण करने का केंद्र होता है।

सेरीब्रल पेंडिकल के कार्य


यही भीतर से आने वाली संकेतों को मस्तिष्क द्वारा अन्य भागों से मेरुरज्जु के द्वारा आपस मे जोड़ने का काम करता है।

सेरीबेलम के कार्य


शरीर में इसका कार्य का होना_मस्तिष्क के अनुसार, बहुत ही जरूरी है क्योंकि यह पूरे शरीर के संतुलन को बनाए रखने का काम करता है यदि मनुष्य के मस्तिष्क मे सेरीबेलम न हो तो व्यक्ति चलते-2 जमीन पर गिर जायेगा। इसके अलावा शरीर के भीतर ऐच्छिक और अनैच्छिक पेशियाँ होती हैं ऐच्छिक पेशियों के संकुचन पर भी इसका नियंत्रण बराबर रूप से होता रहता है अतः यह आंतरिक कान के संतुलन भाग से संवेदनाओं को ग्रहण करने का काम भी सेरेबेलम का ही होता है।

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मेडयूला ओब्लागेटा


मनुष्य के शरीर में यह मस्तिष्क के सबसे पीछे वाले भाग को बोला जाता है इसका इस मस्तिष्क में कार्य रक्तचाप, भोजन के पाचन की क्रिया, ग्रंथि स्राव,उपापचय की क्रियाएं, हृदय की धड़कनों का धड़कन और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को नियमित रूप से नियंत्रित करने का होता है।

    इन सभी भागों से मिलकर एक पूरे मस्तिष्क का निर्माण होता है,कोई भी जीव-जंतु हो या फिर मनुष्य के दिमाग, इन सभी क्रियाओं को करके मस्तिष्क की गतिविधियों को पूरी तरह कंट्रोल करता है, इनमें से किसी में भी किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर मस्तिष्क का कार्य करने के काम मे सुचारु रूप से अवरुद्ध पैदा होना शुरू हो जाती है।

मस्तिष्क में मेरुरज्जु (Spinal cord) क्या है।


   मानव मस्तिष्क (Human Brain) में मेडुला ऑलवेज गिटार खोपड़ी के रंधों से निकलता हुआ कोशिकाओं की तंत्रिका तंत्र तक और तंत्रिका तंत्र से शरीर के अंत भाग तक फैला रहता है जिसको हम रेड राजू या मेरुरज्जु भी कहते हैं, यह एक प्रकार की लंबी खोखली और बेलनाकार संरचना वाली होता है और एक वृक्ष की भांति प्रतीत होता है, मस्तिष्क के समान ही इसके ऊपर वही तीन झिल्लीयो का आवरण होता है इनके बीच वाली गोवा में एक प्रकार का तरल भरा रहता है मेरुरज्जु मे यही इसकी आकृति का प्रारूप होता है।

मानव मस्तिष्क (Human Brain) में मेरुरज्जु के कार्य!


1:- शरीर में होने वाली सभी क्रियाओं या मस्तिष्क के भीतर होने वाली सभी क्रियाओं को संभालने का केंद्र इसके द्वारा ही होता है।
2:- यह शरीर के भीतर होने वाली सभी अनैच्छिक क्रियाओं को भी संतुलित तथा नियंत्रित करने का काम करता है।
3:- शरीर में मेरुरज्जु मस्तिष्क को जाने तथा मस्तिष्क से आने वाली सभी प्रेरणाओं और उनके द्वारा आने वाली प्रति क्रियाओं को प्रेरित करने के लिए मार्ग प्रदान करता है।

इस आर्टिकल का निष्कर्ष


हमने जाना कि मानव मस्तिष्क (Human Brain) हमारा किस प्रकार बना है और वह किस प्रकार कार्य करता है उसके अंदर कौन-कौन से क्रियाएं होती हैं और पूरे शरीर को वह किस प्रकार कंट्रोल करता है इस आर्टिकल के माध्यम से हमने यह भी जाना कि मस्तिष्क के कितने भाग होते हैं और मस्तिष्क किस प्रकार के कार्य को प्रेरणा देता है यह जानकारी एक सामान्य मनुष्य को होनी चाहिए कि मस्तिष्क हमारा किस प्रकार कार्य करता है तथा इसकी संरचना किस प्रकार की होती है उसके अंदर सभी प्रतिक्रियाएं कैसे पूरे शरीर तक पहुंचती है और शरीर को नियंत्रित करती हैं ।
और भी बहुत-सी जानकारी मानव शरीर से सम्बंधित आपको इस वेबसाइट www.drbiogksci.com के द्वारा जानने को मिलेगी।

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FAQ’s


मनुष्य के दिमाग में कितनी नसें होती हैं?

मानव मस्तिष्क मे केवल दो तरह की नसे होती है
A- धमनी
B- शिराएँ

मनुष्य के दिमाग की मेमोरी कितनी होती है?

2.5 गीगा हार्टस

यादें दिमाग में कहां रहती हैं?

टेम्पोरल लोब मे हमारी सभी यादे उपस्थित होती हैं

मस्तिष्क को कितने भागों में बांटा गया है?

मानव मस्तिष्क मुख्यत् केवल तीन भागो मे होता है।

ब्रेन के कितने लेयर होते हैं?

ब्रेन की तीन लेयर होते हैं।

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